थोड़ा समय बीतने पर राजा की साढे सती का समय शुरू हुआ शनि देव घोड़ों के सौदागर का रूप बना विक्रमादित्य के नगर में गये, राजा ने अपने अश्वपाल को आज्ञा दी की जाकर अच्छी किस्म के घोड़े खरीदो उसने बहुत घोड़े खरीदे व एक बढिया घोड़े पर राजा को सवारी करने को कहा राजा जैसे ही उस पर बैठा, वह घोड़ा हवा से बाते करता हुआ जंगल की तरफ भाग गया घने जंगल में पहुंच कर वह गायब हो गया।