| 31. | मासिक पत्रिका, अहा! ज़िंदगी के जुलाई 2011 अंक से इंटरनेट की आभासी...
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| 32. | राजा: (देखकर के) अहा! यह तो सचमुच प्यारी का मुखचन्द्र दिखाई पड़ा।
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| 33. | विच.: अहा! प्यारी सखी को बिरह का ताप कैसा सता रहा है!
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| 34. | चाणक्य: (हर्ष से आप ही आप) अहा! क्या राक्षस को ले लिया?
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| 35. | तुम दगड़ी, जू दिन बितैन, अहा! उंकी याद अब, मन मा औणि छ.
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| 36. | चाल से हंसों को लजाओ (स्पर्श सुख नाट्य करके) अहा! तुम्हारे अंग से छू
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| 37. | शै.: (चैकन्नी होकर) अहा! यह किसने इस कठिन समय में धर्म का उपदेश
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| 38. | ना.: (आप ही आप) अहा! बड़ा पद मिलने से कोई बड़ा नहीं होता।
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| 39. | ना.: (आप ही आप) अहा! बड़ा पद मिलने से कोई बड़ा नहीं होता।
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| 40. | विदू.: (राजा को देखकर) अहा! प्यारे मित्र यह बैठे हैं, हा! बिना हंस के
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