| 31. | फ़िर यह नया अन्याय किस अर्थ अहो?
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| 32. | अहो भाग्य जो उनका सानि्ध्य मुझे प्राप्त होगा।
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| 33. | अहो मुनीसु महा भटमानी॥पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू।
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| 34. | अहो दुक्खो हु संसारो, जत्थ कीसंति पाणिणो.
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| 35. | उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।।
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| 36. | आब काँ रै गे गङ अहो!...
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| 37. | अहो मुनीसु महा भटमानी॥ पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू।
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| 38. | तो कहा बस हे अहो प्राणन पीरूं।
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| 39. | अहो भाग्यम्! आशा है वे नियमित रूप से लिखेंगे।
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| 40. | अहो! हर्षोल्लास से सराबोर हर गली, हर कौना...
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