निशा: सोनाली, काजू और चीनी के मिश्रण को पकाने के बाद, वह गुथे हुये आटे जैसा ही हो जाता है, उसे ही बेल कर कतली काटनी होती है.
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सोनाली जी, काजू और चीनी के मिश्रण को पकाने के बाद, वह गुथे हुये आटे जैसा ही हो जाता है, उसे ही बेल कर कतली काटनी होती है.
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कोफ्ते बनाइये पनीर को किसी प्याले में डालिये, अरारोट मिलाइये और चिकना आटे जैसा होने तक मैस कीजिये, नमक,धनियां पाउडर, हरी मिर्च और हरा धनियां डालकर अच्छी तरह मिला लीजिये.
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सत्तू के लिये चने और गेहूं भुनवा कर, चने का छिलका उतारा जाता है, और छिलका उतारे हुये चने और गेहूं को आटे जैसा पीस लिया जाता है, यह तैयार हो गया सत्तू.
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विधि-मावा, पनीर और मैदा को एक चौड़े और बड़े बर्तन में रखकर तब तक मलें जब तक कि वह नरम, चिकना गूथे हुये आटे जैसा न लगने लगे.
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अब इसे गुनगुने पानी से अच्छी तरह मल कर चपाती के आटे जैसा नरम गूथ लीजिये और 2-4 घंटे के लिये ढककर गरम जगह रख दीजिये ताकि आटा अच्छे से फूल जाए।
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गुनगुने पानी की सहायता से एकदम नरम चपाती के आटे जैसा आटा गूथिये, गुथे आटे को 5-6 मिनिट तक मसल मसल कर एकदम चिकना होने तक गूथ लीजिये, इतना आटा गूथने में 3/4 कप पानी लगा है.
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पनीर और मावा को किसी प्लेट में डालिये, आधा कार्न फ्लोर नमक और काली मिर्च भी डाल दीजिये और सारी चीजों को अच्छी तरह मिक्स करके, मसल मसल कर बिलकुल चपाती के आटे जैसा चिकना तैयार कर लीजिये.
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पर कइयों के बदन का मांस उस ढीले आटे की तरह होता है जिसकी रोटी कभी भी गोल नहीं बनती, और कइयों के बदन का मांस बिलकुल ख़मीरे आटे जैसा, जिसे बेलने से फैलाया नहीं जा सकता।
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विधिः पनीर और मावा को किसी प्लेट में डालिये, आधा कार्न फ्लोर नमक और काली मिर्च भी डाल दीजिये और सारी चीजों को अच्छी तरह मिक्स करके, मसल-मसल कर बिलकुल चपाती के आटे जैसा चिकना तैयार कर लीजिये।