| 31. | अद्वैत आत्मवाद या भाववाद में बड़ी भारी अड़चन यह थी कि यदि संसार में जो
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| 32. | गायत्री एक मुखी है, उसे एकात्मवाद, अद्वैतवाद, आत्मवाद कह सकते हैं ।।
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| 33. | इस तरह के एकतरफ़ा सर्वेक्षण और आत्मवाद का क्या अर्थ है,, मुझे समझ नही आता॥
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| 34. | इसमें एक ओर आत्मवाद अर्थात् जीव की सत्ता की स्वीकृति को मिथ्यादृष्टि कहा गया है ;
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| 35. | इस प्रकार बौद्धमत में उपनिषदों के आत्मवाद का खंडन करके “अनात्मवाद” की स्थापना की गई है।
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| 36. | आत्मवाद) के एक सिद्धांत अनुचित है, क्योंकि यह वैज्ञानिक सिद्धांत की मजबूती दृष्टिकोण शुरू नहीं करता है.
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| 37. | अन्यथा राधाक़ष्णन्८ प्रभूतिविद्वानों की भांति बौद्धोंको उपनिषदों के आत्मवाद के प्रचारक मान लेने कीभ्रामक स्थिति उत्पन्न होसकती है.
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| 38. | इस प्रकार बौद्धमत में उपनिषदों के आत्मवाद का खंडन करके “ अनात्मवाद ” की स्थापना की गई है।
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| 39. | प्रेमचंद का आत्मवाद उनकी प्रगतिशीलता को और भी पुष्ट करता हे क्योंकि औपनिवेशिक सत्ता का वैचारिक प्रतिपक्ष बनता हे।
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| 40. | इस विकास का दूसरा ढाँचा आत्मवाद से भौतिकवाद की ओर प्रस्थान के विभिन्न चरणों की तरह देखा जा सकता हैं।
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