विपक्षी संख्या-2 यूनाईटेड इंडिया इन्श्योरेन्स कम्पनी माईक्रो बान्च इलाहाबाद को आदिष्ट किया जाताहैकि वह याचीगण को मु0 1, 56,750/-प्रतिकर तथा उक्त धनराशि पर याचिका प्रस्ततु करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक केलिए 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें।
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विपक्षी संख्या 3 दि नेशनल इंडिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 को आदिष्ट किया जाता है कि वह याचीगण को मु0 7, 24,060/-प्रतिकर तथा उक्त धनराशि पर याचिका प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक केलिए 6 प्रतिशत ब्याज अदा करें।
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विपक्षी संख्या-2 दि न्यू इंडिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 को आदिष्ट किया जाताहै कि वह याचीगण को मु0 1, 74,500/-प्रतिकर तथा उक्त धनराशि पर याचिका प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक के लिए 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें।
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विपक्षी संख्या 2 आई. सी. आई. सी. आई लोम्बर्ड जनरल बीमा कम्पनी को आदिष्ट किया जाता है कि वह याची को मु0 1,54,500/-प्रतिकर तथा उक्त धनराशि याचिका प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतानकी तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें।
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विपक्षी संख्या-2 कमिश्नर / सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को आदिष्ट किया जाता हैकि वह याचीगण को मु0 6,63,796/-प्रतिकर तथा उक्त धनराशि पर याचिका प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक केलिए 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें।
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विपक्षी संख्या 2 यूनाईटेड इंडिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 को आदिष्ट किया जाता है कि वह याचीगण को मु0 1, 84,500/-प्रतिकर तथा उक्त धनराशि पर याचिका प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक भुंगतान की तिथि तक के लिए 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज अदा करें।
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अतः क्लेम प्रतिकर की धनराशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु न्यायहित में बीमा कंपनी विपक्षी सं0-2 दि न्यू इंडिया ऐश्योरेस कं0लि0 को आदिष्ट किया जाता है कि वह निर्णय की तिथि से 40दिन के अंदर समस्त क्लेम प्रतिकर की धनराशि का भुगतान याचीपक्ष को करे।
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न्यायालय ने आगे यह भी आदिष्ट किया है कि सरस्वतीनगर पुलिस चौकी के सहायक उप निरीक्षक ओम प्रकाश, जोकि उक्त गिरफ्तारी में संलिप्त रहा है, को भी समान रूप से निलंबित किया जाए और उसके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही को भी 3 माह की अवधि में निपटाया जा य.
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वेदों के दीर्घतमा ऋषि, पुराणों की अप्सराएँ, आर्ष काव्यों, रामायण एवं महाभारत की शताधिक उपकथाएँ मनु, याज्ञवल्क्य, नारद आदि स्मृतियों का आदिष्ट कथन, तंत्रों एवं गुह्य साधनाओं की शक्तिस्थानीया रूपसी कामिनियाँ, उत्सवविशेष की शोभायात्रा में आगे-आगे अपना प्रदर्शन करती हुई नर्तकियाँ किसी न किसी रूप में प्राचीन भारतीय समाज में सदैव अपना सम्मानित स्थान प्राप्त करती रही है।
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वेदों के दीर्घतमा ऋषि, पुराणों की अप्सराएँ, आर्ष काव्यों, रामायण एवं महाभारत की शताधिक उपकथाएँ मनु, याज्ञवल्क्य, नारद आदि स्मृतियों का आदिष्ट कथन, तंत्रों एवं गुह्य साधनाओं की शक्तिस्थानीया रूपसी कामिनियाँ, उत्सवविशेष की शोभायात्रा में आगे-आगे अपना प्रदर्शन करती हुई नर्तकियाँ किसी न किसी रूप में प्राचीन भारतीय समाज में सदैव अपना सम्मानित स्थान प्राप्त करती रही है।