संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, कला, साहित्य, संतों, कवियों,लेखकों, उद्योगपतियों, गायकों, संगीतकारों, विविध प्रतिष्ठानों, विश्वविद्यालयों आदि से संबंधित डाक टिकटों की आधारभूत सामग्री को संकलित करना और उसका विशद विश्लेषण कर उसे क्रमबद्ध रूप मेंं सुबोध भाषा तथा प्रांजल शैली में प्रस्तुत करना कितना दुष्कर और कष्टसाध्य कार्य है, इसका अनुमान सच्चा शोधार्थी ही कर सकता है।