अभी रास्ता लम्बा है पर रास्ता भी कितना मोहक है, अद्भुत है, परमात्मा का संग इसे और भी मोहक और आनन्दप्रद बना देता है.
32.
इस देश में आकर मुझे यथार्त ज्ञान हुआ कि संसार में स्त्री का क्या स्थान है, उसका क्या दायित्व है और जीवन उसके कारण कितना आनन्दप्रद हो जाता है।
33.
इस देश में आकर मुझे यथार्त ज्ञान हुआ कि संसार में स्त्री का क्या स्थान है, उसका क्या दायित्व है और जीवन उसके कारण कितना आनन्दप्रद हो जाता है।
34.
चन्द्रमा की किरणें जलस्रोत की लहरों से अठखेलियां कर रही थीं, प्रत्येक दिशा में जूही और मालती की गन्ध प्रसारित थी, कवि आनन्दप्रद दृश्य को देखने में तल्लीन हो गया।
35.
सुवाच्य लेखन की कोटि में आने की जरूरी शर्त है कि वह लेखन बोधप्रद हो, आनन्दप्रद हो तथा सामान्य तौर पर लोकहितकारी हो: उसके अंग तथा उपांग लोकहितकी परम दृष्टि से तैयार किए गये हों ।
36.
सुवाच्य लेखन की कोटि में आने की जरूरी शर्त है कि वह लेखन बोधप्रद हो, आनन्दप्रद हो तथा सामान्य तौर पर लोकहितकारी हो: उसके अंग तथा उपांग लोकहितकी परम दृष्टि से तैयार किए गये हों ।
37.
और जब वह किसी की प्रेमिका हो जायेगी तो यह विचार कि मैने पति से उसकी बेवफाई का बदला ले लिया कितना आनन्दप्रद होगा! तब वह उसके मुख की ओर कितने गर्व, कितने संतोष, कितने उल्लास से देखेगी।
38.
जिसका उचित निराकरण करते हुये बताया गया की नहीं ये बैल नहीं है ; इसका अर्थ है-हे इंद्रदेव! आपके लिये जब यजमान जल्दी जल्दी पत्थर के टुकड़ों पर आनन्दप्रद सोमरस तैयार करते हैं तब आप उसे पीते हैं।
39.
दोनों ही सूचनाएँ आनन्दप्रद होते हुए भी विचारणीय थीं. कागज-पत्तर लेकर शिक्षा विभाग के दफ़्तर में उपस्थित होने में कोई कठिनाई नहींहोनी चाहिए थी, पर तनु के पास नियुक्तिपत्र तथा पुनः स्कूल जोयन करने के आदेशपत्रके अतिरिक्त कोई दूसरा कागज़ था ही नहीं.
40.
जैसे आम आदि उन्नत वृक्षों की शाखापर स्थित, सूख जाने के कारण अनेक कण्टकों से आकीर्ण, पुष्पशून्य और फलरहित क्षीण मंजरी आनन्दप्रद नहीं होती, वैसे ही यह तृष्णा न आनन्दप्रद है, न सुखप्रद है और न फलप्रद है, किन्तु व्यर्थ-विस्तृत है, अमंगलकारिणी है और क्रूर है।।