| 31. | आम्र कुंज पर बौर नहीं लगती थी।
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| 32. | राममूर्ति चतुर्वेदी की लिखी नाटिका सुनी-आम्र मंजरी।
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| 33. | उसी आम्र डाली को घेरे चुपचाप रोती रही हूँ
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| 34. | स्पर्श कर द्रुत बौरने को आम्र आकुल, बाँह खोले,
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| 35. | आम्र की मंजरी की, मधुर गंध जब,
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| 36. | आम्र मंजरियाँ सवंरकर अब बारात सजाएं,
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| 37. | जम्बू-निम्ब-कदम्ब आम्र सरला वृक्षाश्च से क्षीरिणः।।
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| 38. | आम्र वृक्ष के प्रायः समस्त अंग काम में आते हैं।
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| 39. | का आम्र वर्ण-संकोच का नमूना है।
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| 40. | आम्र वृक्ष बौरों के गुच्छों की पगड़ी बाँध लेते हैं।
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