| 31. | आप विवेक पूर्ण आहारी की बात कर रहें हैं उस मनुष्य की जिसका आहार विवेक सम्मत हो पर्यावरण पारिस्थिति के अनुरूप हो.
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| 32. | इसमें कोई संदेह नहीं कि मानवीय वृतियां अजीबो-गरीब होती है अपवाद स्वरूप सामिष आहारी शान्त भी हो सकता है और निरामिष आहारी द्वेषी।
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| 33. | इसमें कोई संदेह नहीं कि मानवीय वृतियां अजीबो-गरीब होती है अपवाद स्वरूप सामिष आहारी शान्त भी हो सकता है और निरामिष आहारी द्वेषी।
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| 34. | तथापि सभ्यता की मांग होती है जंगली जीवन से सुसभ्य जीवन की ओर उत्थान करना, विकृत आहार त्याग कर सुसंस्कृत आहारी बनना।
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| 35. | यद्यपि दोनों वयंप्राणी वनस्पति आहारी और सहचर भी हैं पर क्या हाथियों को ऊर्जाबाड़ रोक पाएगी? यह अपने आप में विचारणीय प्रश्न है।
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| 36. | 1-मान, माया, लोभ और क्रोध मानव स्वभाव के कषाय है, ये किसी भी आहारी में कम या ज्यादा हो सकते है।
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| 37. | आप घर से किसी दूसरे शहर में पढ़ने, नौकरी करने, कुछ सीखने के लिए निकले नहीं कि हो गए उस वर्ग के आहारी..
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| 38. | यह श्रेष्ठता का दंभ नहीं है, वस्तुत: सात्विक आहारी कभी भी माँसाहारियों (व्यक्तियों) को हेय या अपराधी की दृष्टि से नहीं देखता।
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| 39. | एक उभय आहारी विद्वान ने कहा कि शाकाहारी चूस कर पानी पीता है और मांसाहारी चाट कर पानी पीता है, मनुष्य दोनो तरह से पी सकता है।
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| 40. | व्रत उपवास करने वाले निराहारी नहीं बल्कि भिन्न आहारी होते हैं, उसी तरह जैसे विकलांग ' डिफरेंटली एबल्ड ' होते हैं, ' डिसेबल्ड ' नहीं.
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