भगवान सूर्य ने कहा-ब्राह्मन! यह अत्यंत गुप्त बात है, किन्तु आप मेरे परम भक्त है, इसलिए मैं इसका यथावत वर्णन कर रहा हूँ-वे परमात्मा सभी प्राणियों में व्याप्त, अचल, नित्य, सूक्ष्म तथा इंद्रियातीत है, उन्हे क्षेत्रज्ञ, पुरुष, हिरण्यगर्भ, महान, प्रधान तथा बुद्धि आदि अनेक नामों से अभिहित किया जाता है।