गौतम जी की रचनायें मानव जीवन के इतिवृत को लक्षित करती हैं. डॉ. श्याम दिवाकर के शब्दों में “ यहाँ सुख के क्षण भी हैं, दुःख भी है, आंसू भी हैं, हास भी.
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शेयरधारकों तथा अन् य पणधारकों को यह आश् वस् त करने के लिए कि सदस् य अपने उत्तरदायित् वों का प्रभावी निर्वहन कर सकते है सभी बोर्ड सदस् यों की अर्हकताओं तथा इतिवृत सूचना का पर्याप् त प्रकटन किया जाना चाहिए।
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लेले संग्रह-धार के पंवार राज्य से संबंधित ऐतिहासिक सामग्री की कुल 25 फाइलें केन्द्रीय संग्रहालय, इन्दौर से प्राप्त हुई जिनकी जेराक्स प्रतियाँ संस्थान में संगृहीत की गई है, जो धार के ऐतिहासिक इतिवृत के लिये उपयोगी सिद्ध होती हैं ।
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जीवन की सर्वोत्तम कृतियों एवं उपलब्धियों से, चिर काल तक विमुख होकर मात्र प्रेमपरक संबंधों के लिए, केवल जीना भी एक स्वांग ही तो है तुम ही कहो-प्रणय-सूत्र में बंधने के बाद इस सत्य से उन्मुक्त हो पाओगी, और सुनाओगी प्रियतम से कभी, इस अविस्मरणीय इतिवृत को, जिसका मूल अंश कभी-कभी, कौंध उठता है, मन में।