भारत ने दाबित गुरुजल रिएक्टरों पर आधारित नाभिकीय उर्जा कार्यक्रम का संपूर्ण नाभिकीय ईंधन चक्र सहित पी. एच.डब्लू.आर. से संबधित संयत्रों/सुविधाओं के डिजाइन, निर्माण और प्रचालन की व्यापक क्षमता हासिल कर ली है।
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कार्यक्रम का उद्देश्य भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र और परमाणु ऊर्जा की तकनीक, परमाणु ईंधन चक्र और radionuclides की अन्य उपयोगी अनुप्रयोगों पर दोनों बुनियादी और उन्नत ज्ञान प्रदान करना है.
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रोसातम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस समझौते से परमाणु उर्जा और परमाणु ईंधन चक्र के सामान्य विकास में मदद मिलेगी, जबकि परमाणु हथियारों के प्रसार की आशंका कम होगी।
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ईरान द्वारा यूरेनियम संवर्धन से परमाणु ईंधन चक्र की तकनीक की प्राप्ति के समाचार की घोषणा 8 अप्रैल वर्ष 2006 को ईरानी राष्ट्रपति डाक्टर महमूद अहमदी नेजाद द्वारा पवित्र नगर मशहद के एक समारोह के दौरान की गयी।
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उन्होंने कहा कि आज भारत ने परमाणु रिएक्टरों और संबद्ध ईंधन चक्र सुविधाओं के रखरखाव, डिजाइन, विकास, निर्माण और संचालन से संबंधित सभी तकनीकी और वैज्ञानिक पहलुओं में अपनी क्षमताओं का पूर्ण प्रदर्शन किया है।
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इस एकक के प्रमुख थे विख् यात केमिकल इंजीनियर श्री एस. फरीदुद्दीन, जिन् हें नाभिकीय ईंधन चक्र के अग्र भाग में उत् कृष् ट योगदान के लिए 1967 में पद्मश्री से सम् मानित किया गया था ।
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और उनके इन प्रयासों का नतीजा यह हुआ कि आज भारत उन गिने-चुने देशों में से है जो परमाणु ऊर्जा निर्माण के पूरे नाभिकीय ईंधन चक्र (न्यूक्लियर फ़्युअल सायकल) के लिये जरूरी सारी तकनीकों की जानकारी रखते हैं.
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उदाहरण के लिए एक मसौदा वक्तव्य में कहा गया था कि गुटनिरपेक्ष देशों के मंत्री परमाणु अप्रसार संधि के पक्ष के तौर पर ईरान को मान्यता देते हैं और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अपने ईंधन चक्र कार्यक्रम को चलाने का उसे अधिकार है।
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इसे एतिहासिक क्षण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इस्तेमाल किए गए ईंधन की रिप्रोसेसिंग यह भी सुनिश्चित करेगी कि हम नाभिकीय ईंधन चक्र के उप उत्पादों यानी अवशिष्ट (कचरा) पदार्थो का भी बेहतर प्रबंधन व इस्तेमाल करने में समर्थ हैं ।
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राष्ट्रीय परमाणु तकनीक दिवस के दिन ही स्थानीय तकनीक से लाभ उठाते हुए यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियों के आरंभ होने और येलो केक की पहली खेप का उत्पादन आरंभ हुआ और इसी दिन ईरान ने तकनीक और संपूर्ण परमाणु ईंधन चक्र जैसी महा प्रगतियों की ओर यात्रा आरंभ की।