| 31. | जिससे अन्तत: आप उचित फल प्राप्त करते हैं और साधना पूर्ण करते हैं, जिससे आधारभूत विषय हल हो जाता है।
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| 32. | हम पवित्र साधना पध्दति से संबंधित हैं-आगे बढ़िए और साधना कीजिए! आपको उचित फल की ही प्राप्ति होगी।
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| 33. | ऐसे में उन्हें उचित फल की प्राप्ति में देर या बाधा आती है और घर में जीवन कलहपूर्ण बन जाता है।
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| 34. | कुछ सह आत्मायें बहुत ऊँचे स्तरों से आती हैं और साधना में उचित फल की प्राप्ति की सीमा पर होती हैं।
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| 35. | हम पवित्र साधना पध्दति से संबंधित हैं-आगे बढ़िए और साधना कीजिए! आपको उचित फल की ही प्राप्ति होगी।
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| 36. | जैसे ही वह साधना में उचित फल प्राप्त करने वाला था और अरहत बनने वाला था, वह कैसे प्रसन्न न होता?
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| 37. | क्या आपकी साधना व्यर्थ नहीं जायेगी? मैं बता चुका हूँ मनुष्य जाति के लिए साधना में उचित फल प्राप्त करना बहुत कठिन है।
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| 38. | आज कितने लोग हैं जो बुध्द की उपासना साधना में उचित फल की प्राप्ति के लिए करते हैं? ऐसे लोग बहुत कम हैं।
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| 39. | भावार्थ:-कोई कहती है-यदि विधाता भले हैं और सुना जाता है कि वे सबको उचित फल देते हैं, तो जानकीजी को यही वर मिलेगा।
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| 40. | देवलोक के वासी सभी देव होते हैं, किन्तु उन्हें भी उचित फल की प्राप्ति नहीं हुई है और वे भी संसार के चक्र से गुजरेंगे।
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