लेकिन यदि दोषपूर्ण नीति के कारण या उपेक्षापूर्ण व्यवहार के कारण शासन नागरिकों के कल्याण के लिए उनकी, सुखलृसुविधाओं के लिए या उन अधिकारो के लिए जिनसे एक उत्तरदायी शासन द्वारा जनता के प्रति लोककल्याण के कारण अपेक्षा की जाती है का पालन न करने के कारण क्या देश का सर्वोच्च न्यायालय जो अंतिम रूप से पूरे राष्ट्र के लिए बंधनकारी निर्णय देता है को यह अधिकार है, कि वह शासन को जनकल्याण के लिए विशिष्ट निर्देश / आदेश जारी कर सकेञ्? यह प्रश्न उक्त निर्णय से उत्पन्न होता है।