श्रीमदभागवत में उल्लिखित राजा उत्तानपाद, रानी सुरुचि और सुनीति, ध्रुव और उत्तम की व्याख्या भी कथावाचक जी ने की और स्पष्ट किया कि प्रत्येक जीवात्मा उत्तानपाद है और यह कथानक प्रत्येक जीवात्मा हेतु एक सन्देश है उन्होंने बताया कि उत्तान का अर्थ है ऊपर और पाद का अर्थ है चरण से.
32.
आप जिन दलितों के बौढ़ीक उत्तान होने की बात कर रहें हैं, दो चार उदाहरण बताया होता तो अच्छा था, हमें मालूम चलता की घटिया राजनीति के अलावा भी मायावती ने कुछ किया है, हां इस लेख से ऐसा प्रतीत होता है आपको कुछ वयक्तिगत लाभ जररूण मिला है, प्रांतु महाशय अच्छा लगता अगर आप ये दलित, स्वर्ण, मुस्लिम की सोच से उपर उठकर कुछ लिखा होता.