| 31. | ६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और
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| 32. | संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामा
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| 33. | 5) यदि तुम संसार पर उपकार करना चाहते हो, तो जगत पर दोषारोपण करना छोड़ दो.
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| 34. | संसार का उपकार करना इस समाज का मुखय उदॆश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना
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| 35. | 6. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
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| 36. | सँसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्धेश्य है, अर्थात् शारीरिक्, आत्मिक और सामाजिक् उन्नति करना ।
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| 37. | ६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
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| 38. | क्यों? जिसने जीवन दिया, उसे मृत्यु के समय याद करके उसपर उपकार करना चाहते हैं?
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| 39. | ६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
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| 40. | अपराध-मुक्त मानव-परम्परा के लिए हर व्यक्ति समाधान-संपन्न होना, और हर परिवार समाधान-समृद्धि संपन्न होना और उपकार करना आवश्यक है।
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