| 31. | विभिन्न वृत्तियों के हृदयस्पर्शी उपचय और लीलाओं की प्रभावशालिता के लिए उद्दीपनकारी वातावरण की सृष्टि अनिवार्य है।
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| 32. | उपचय, ऊर्जा का उपयोग करता है घटकों के लिए प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड जैसे कोशिकाओं के निर्माण.
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| 33. | महर्षि पतंजलि के अनुसार जिस से वस्तुओं का उपचय अथवा अपचय होता है, वह काल है।
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| 34. | उपचय ऊर्जा का प्रयोग करके प्रोटीनों और नाभिकीय अम्लों जैसे कोशिकाओं के अंशों का निर्माण करता है.
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| 35. | उपचय ऊर्जा का प्रयोग करके प्रोटीनों और नाभिकीय अम्लों जैसे कोशिकाओं के अंशों का निर्माण करता है.
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| 36. | कुंडली में सर्वप्रथम उपचय स्थान पर विचार करंे तो पाएंगे कि तृतीयेश बुध पाप कर्तरी योग से ग्रस्त है।
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| 37. | अन्यथा उपचय (3 / 6 / 10 / 11) भाव में पापी ग्रह शुभ फलदायक होते हैं।
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| 38. | कोशिका का चयापचय इसे अपचय की स्वाभाविक प्रक्रियाओं को उपचय की अस्वाभाविक प्रक्रियाओं से युग्मित करके संभव करता है.
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| 39. | लग्न और चंद्र राशि दोनों से उपचय भाव में सब शुभ ग्रह स्थित हों तो प्रबल धन योग बनता है।
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| 40. | एनाबोलिक एजेंट्स (उपचय पदार्थ): मनुष्य द्वारा निर्मित या ऐसे नैसर्गिक पदार्थ जो किसी हार्मोन की तरह कार्य करते हैं।
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