समाजवादी जनपरिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित राजनैतिक प्रस्ताव में उपर्युक्त विचार व्यक्त करते हुए अन्ना हजारे द्वारा अनशन तोड़ने के बाद अपने वक्तव्यों उठाए गए व्यवस्था परिवर्तन संबंधी सवालों, जैसे मानव और प्रकृति के शोषण पर आधारित व्यवस्था, किसानों और मजदूरों का शोषण, विकेन्द्रीकरण, चुनाव-सुधार, ग्राम-सभा का अधिकार, शिक्षा का घोर व्यावसाईकरण आदि को लेकर आन्दोलन जारी रखने के संकल्प को दोहराया है ।