खैर, असल बात तो यह है कि पक्षियों में सर्वाधिक उपेक्षित पक्षी कौए से, चौपायों में गधे के समकक्षी घोड़े को (ध्यान रहे पहाड़ में गधे का काम घोड़े की प्रजाति खच्चर से ही लिया जाता है) भारतीय धरती के सर्वाधिक उपेक्षित क्षेत्र पहाड़ के बालकंठ न्यौतते हुए न माँगे तो क्या करें? और किससे कहें? (कहने की बात ही नहीं ठहरी) उपेक्षित उपेक्षित ही से तो जुड़ने की उम्मीद, बात कहने की हिम्मत रखता है और उसी को डरा-धमका भी सकता है-