| 31. | बुद्धि के व्यभिचार से ले दंभ भर उर
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| 32. | अकेले ही अकेले उर उबाल के चले गये...!
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| 33. | व्याकुल सुग्रीव, हुआ उर में ज्यों विषम घाव,
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| 34. | ज्वालामुखी दबाकर उर में बूंद-बूंद पडता है गलना
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| 35. | उर वल्लभ के पद शतदल में मरना मिट
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| 36. | रहने दो उर में आस अधूरी मिलने की,
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| 37. | वर्षा के प्रिय स्वर उर में बुनते सम्मोहन
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| 38. | प्रक्रम स्थल हैं-उर, कण्ठ और शिर।
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| 39. | अमरता-सुत चाहता क्यों मृत्यु को उर में बसाना?
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| 40. | जाके उर बसे ताके मोह तम नाश.
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