गोमती नदी की पुरानी डगर जो कि टीले से सट कर जाती थी मौके पर आज भी ऐसा लगता भी है कि नदी की धारा मोड़ी गयी है, वर्तमान में वह राजधानी नष्ट हो कर एक टीले के रूप में है जहाँ करीब पचास-साठ परिवारों का रहन-सहन स्थापित हो चुका है तथा वहां ऊपरी तौर से कुछ भी नहीं दीखता परन्तु दंत कथाओं में वह आज भी जीवित है, जो आज भी उत्खनन की प्रतीक्षा है.