यदि ग्रिड विभव ऋणाग्र विभव से कम रहता है तो ग्रिड इलेक्ट्रानों को पीछे की ओर फेंक देती है और पट्टिक धारा कम हो जाती है।
32.
विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत् प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
33.
विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत् प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
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विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत् प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
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विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत् प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
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विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत् प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
37.
विलयन में अशुद्ध स्वर्ण के धनाग्र और शुद्ध स्वर्ण के ऋणाग्र के बीच विद्युत् प्रवाह करने पर अशुद्ध स्वर्ण विलयित हो ऋणाग्र पर जम जाता है।
38.
जब इनका वैद्युत अपघटन किया जाता है, तब एक अवयव धातु, जो दूसरी की अपेक्षा न्यून धनविद्युती (electropositive) होती है, धनाग्र पर जमती है और दूसरी ऋणाग्र पर।
39.
किसी भी बैटरी को चार्ज करने हेतु उसमें धारा प्रवाहित करनी पड़ती है जिसकी दिशा ऐसी हो कि बैटरी के धनाग्र (पॉजिटिव एलेक्ट्रोड) में घुसकर उसके ऋणाग्र से निकले।
40.
उपर्युक्त उच्चशक्ति ऋजुकारी में या तो अनेक धनाग्रों (एनोड) के लिए एक ही ऋणाग्र रहता है या अनेक धनाग्र ऋजुकारी, जिनके ऋणाग्र जुड़े रहते हैं, प्रयोग में लाए जाते हैं।