लेकिन इतिहास की गति अगर हिंसा से अहिंसा की ओर, अन्याय से न्याय की ओर तथा एकतंत्र या बहुतंत्र से लोकतंत्र की ओर है, जो वह है, तो कोई कारण नहीं कि ऐसा समाज बनाने में बड़े पैमाने पर सफलता न मिले जो संगठित मुनाफे, संगठित अन्याय और संगठित दमन पर आधारित न हो।
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लेकिन इतिहास की गति अगर हिंसा से अहिंसा की ओर, अन्याय से न्याय की ओर तथा एकतंत्र या बहुतंत्र से लोकतंत्र की ओर है, जो वह है, तो कोई कारण नहीं कि ऐसा समाज बनाने में बड़े पैमाने पर सफलता न मिले जो संगठित मुनाफे, संगठित अन्याय और संगठित दमन पर आधारित न हो।
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जनतंत्र में या एकतंत्र में या राजतंत्र में या फिर नेता तंत्र में मेरी भी आम जन की तरह ही यही अपील है कि मुग्धा सिन्हा कलक्टर महोदया जैसी कर्त्तव्यनिष्ठ, निष्पक्ष, निस्वार्थ और अपने फ़र्ज को ही सब कुछ मानने वाले व्यक्तित्व का तबादला रद्द किया जाना चाहिए ताकि हमारे जिले का विकास कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे और देश में जिले का एक विशेष स्थान बनाया जा सके।