एकबीजपत्री के अन्य उदाहरण, ताड़, खजूर, ईख, बाँस, प्याज, लहसुन इत्यादि है।
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द्विबीजपत्री के उदाहरण, चना, मटर, आम, सरसों इत्यादि हैं और एकबीजपत्री में गेहूँ, जौ, बाँस, ताड़, खजूर, प्याज हैं।
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द्विबीजपत्री के उदाहरण, चना, मटर, आम, सरसों इत्यादि हैं और एकबीजपत्री में गेहूँ, जौ, बाँस, ताड़, खजूर, प्याज हैं।
34.
गर्भाधान या निषेचन के उपरांत फल और बीज बनते हैं, इसकी रीतियाँ एकबीजपत्री तथा द्विदलपत्री में अलग अलग होती हैं।
35.
एकबीजपत्री को पेतालोईदेऐ (petaloideae), स्पादीकीफ़्लोरै (spadiciflorae) तथा ग्लूमीफ़्लोरै (glumiflorae) में विभाजित किया है।
36.
आंतरिक रचना में भी स्तम्भ के आकार काफी हद तक एक प्रकार के होते हैं, जिसमें एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री केवल आंतरिक रचना द्वारा ही पहचाने जा सकते हैं।
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आंतरिक रचना में भी स्तम्भ के आकार काफी हद तक एक प्रकार के होते हैं, जिसमें एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री केवल आंतरिक रचना द्वारा ही पहचाने जा सकते हैं।
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आंतरिक रचना में भी स्तम्भ के आकार काफी हद तक एक प्रकार के होते हैं, जिसमें एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री केवल आंतरिक रचना द्वारा ही पहचाने जा सकते हैं।
39.
एकबीजपत्री में संवहन पुल (bundle) बंद अर्थात् गौण वृद्धि न करनेवाले एघा (Cambium) से रहित होता है तथा द्विबीजपत्री में गौण वृद्धि होती है, जो एक प्रकार की सामान्य रीति द्वारा ही होती है।
40.
चौरस होते हैं और मूल की एक ही परिधि में ये और फ्लोएम एकांतर होते हैं जड़ में प्राय: मज्जा नहीं होती, किंतु द्वितीजपत्री पौधों की जड़ों की अपेक्षा एकबीजपत्री पौधों की जड़ों में प्राय: