और बादशाह बोला कि उन्हें मेरे पास ले आओ, तो जब उसके पास एलची आया (1) (1) और उसने हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की ख़िदमत में बादशाह का संदेश अर्ज़ किया तो आपने …
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मालदीव को पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता देने का समझौता महामहिम सुल्तान की ओर से इब्राहीम नासिर रंनाबंदेय्री किलेगेफां, प्रधान मंत्री और महारानी साहिबा की ओर से सर माइकल वॉकर ब्रिटिश एलची मालदीव द्वीप के अभिनिहित ने हस्ताक्षरित किया.
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अस्तु, बादशाह ने उस अंग्रेज अतिथि की खूब खातिरदारी की और न केवल अंग्रेजों को सूरत में कोठी बनाने तथा व्यापार करने का फर्मान जारी किया बल्कि यह भी इजाजत दे दी कि मुगल दरबार में अंग्रेज एलची रहा करे।
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१८ वीं सदी के पूर्व यहाँ मुगल शासको के नाम वाली “सिक्का एलची ' का प्रचलन था, लेकिन औरंगजेब के बाद मुगल साम्राज्य का प्रभाव कम हो जाने के कारण अन्य राज्यों की तरह मेवाड़ में भी राज्य के सिक्के ढ़लने लगे।
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१८ वीं सदी के पूर्व यहाँ मुगल शासको के नाम वाली “सिक्का एलची ' का प्रचलन था, लेकिन औरंगजेब के बाद मुगल साम्राज्य का प्रभाव कम हो जाने के कारण अन्य राज्यों की तरह मेवाड़ में भी राज्य के सिक्के ढ़लने लगे।
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और मैं उनकी तरफ़ एक तोहफ़ा भेजने वाली हूँ फिर देखूंगी कि एलची क्या जवाब लेकर पलटे (6) {35} (6) इससे मालूम हो जाएगा कि वह बादशाह हैं तो हदिया क़ुबूल कर लेंगे और अगर नबी हैं तो भेंट स्वीकार न करेंगे और सिवा उसके हम उनके दीन का अनुकरण करें, वह और किसी बात से राज़ी न होंगे.
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इसके मायने क्या है? तो उन आदरणीय पाठकों की जानकारी हेतु बता दूं कि सम्बदिया का मतलब होता है एलची, खबरची, दूत, सम्वाद वाहक / महान कथाकार फ़णीश्वर नाथ “ रेणु ” की एक प्रख्यात कहानी का नाम भी है / सम्वदिया दोबारा शुरू करने की ललक काफ़ी दिनो से मन में थी मगर बस आलस्य और दीर्घसूत्रता के कारण काम हो ही नहीं पा रहा था..
38.
ये एलची जब मक्कए मुकर्रमा पहुंचते और शहर के किनारे रास्तों पर उन्हें काफ़िरों के कारिन्दे मिलते, (जैसा कि पहले जिक्र हो चुका है) उनसे ये एलची नबीये करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का हाल पूछते तो वो बहकाने पर ही तैनात होते थे, उनमें से कोई हुज़ूर को जादूगर कहता, कोई तांत्रिक, कोई शायर, कोई झूटा, कोई पागल और इसके साथ यह भी कह देते कि तुम उनसे न मिलना यही तुम्हारे लिये बेहतर है.
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ये एलची जब मक्कए मुकर्रमा पहुंचते और शहर के किनारे रास्तों पर उन्हें काफ़िरों के कारिन्दे मिलते, (जैसा कि पहले जिक्र हो चुका है) उनसे ये एलची नबीये करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का हाल पूछते तो वो बहकाने पर ही तैनात होते थे, उनमें से कोई हुज़ूर को जादूगर कहता, कोई तांत्रिक, कोई शायर, कोई झूटा, कोई पागल और इसके साथ यह भी कह देते कि तुम उनसे न मिलना यही तुम्हारे लिये बेहतर है.