| 31. | ऐल्फा गंधक का विशिष्ट घनत्व 2. 7 (200 सें पर), गलनांक 112.80 सें. और द्रवण उष्मा 11.9 कैलरी है।
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| 32. | ऐसे रंजकों में पैरानाइट्रो ऐनिलीन रेड, ऐल्फा नैफ्थीलेमिन क्लारेट, ब्रैंथोल, नेफ्टॉल, नैफ्टाजोल प्रमुख हैं।
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| 33. | ऐल्फा गंधक का विशिष्ट घनत्व 2. 7 (200 सें पर), गलनांक 112.80 सें. और द्रवण उष्मा 11.9 कैलरी है।
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| 34. | सामान्य ताप पर ऐसीटिक अम्ल के मणिभीकरण से ऐल्फा रूप और पिरिडिन के विलियन के मणिभीकरण से बीटा रूप प्राप्त होता है।
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| 35. | ऐल्फा गंधक का विशिष्ट घनत्व 2. 7 (200 सें पर), गलनांक 112.80 सें. और द्रवण उष्मा 11.9 कैलरी है।
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| 36. | सामान्य ताप पर ऐसीटिक अम्ल के मणिभीकरण से ऐल्फा रूप और पिरिडिन के विलियन के मणिभीकरण से बीटा रूप प्राप्त होता है।
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| 37. | सामान्य ताप पर ऐसीटिक अम्ल के मणिभीकरण से ऐल्फा रूप और पिरिडिन के विलियन के मणिभीकरण से बीटा रूप प्राप्त होता है।
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| 38. | रैड और रैम अनिवार्यतः एक्स किरणों, ऐल्फा किरणों तथा बीटा किरणों के लिए एक रैड 10 से 20 रैम के बराबर होता है।
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| 39. | इन विभिन्न द्रव्यमानों के परमाणुओं को समस्थानिक (Isotope) कहा जाता है ऐल्फा रेडियोऐक्टिवता में न्यूक्लियस से आयनित हिलियम परमाणु का उतसर्जन होता है।
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| 40. | यह 900˚सें0 के ऊपर स्थायी रहता है और इस ताप पर ऐल्फा लोहा में परिवर्तित हो जाता है, जो साधारण ताप पर स्थायी रहता है।
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