Shareओ पथिक तू चल अकेला कारवां बन जायेगातू समर पर हो समर्पित ; तो अमर हो जायेगाना आंसुओं का अर्ध्य हो न पीर की परवाह होयश की कोई कामना न पथ में शीतल छांव होतू नींव के पत्थर को अपनी आस्था का दान देनिर्माण का हर कंगूरा तुझसे ही जीवन पायेगायह
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पाँव फ़िसले मेरे सर्वदा उस घड़ी इन्च भर दूर जब था कंगूरा रहा दूसरा अन्तरा लिख ना पाया कभी गीत हर एक मेरा अधूरा रहा एक पल देर से राह निकली सभीं एक पग दूर हर एक मन्ज़िल रही एक टुकड़ा मिली चाँदनी कम मुझे एक जो साध थी, अजनबी हो रही
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रेत की नींव पर, मिट्टी का मकान और उस पर संगमरमरी कंगूरा ये है आज का ताजमहल!!...वाह! क्या बात है...बड़े गुस्से में लिखें है ई पोस्ट..!..जब इन सब बातों को जीवन की नींव में डाला जाना था, तब ध्यान नहीं दिया और जब भवन धाराशाही होने का समय आया तो नींव निर्माण की प्रक्रिया सीखने निकल पड़े...यही कटु सत्य है.
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रेत की नींव पर, मिट्टी का मकान और उस पर संगमरमरी कंगूरा ये है आज का ताजमहल!!...वाह! क्या बात है...बड़े गुस्से में लिखें है ई पोस्ट..!..जब इन सब बातों को जीवन की नींव में डाला जाना था, तब ध्यान नहीं दिया और जब भवन धाराशाही होने का समय आया तो नींव निर्माण की प्रक्रिया सीखने निकल पड़े...यही कटु सत्य है.
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तो उनको कई दूसरा काम शुरू कर देना चाहिए, अगर उनको हाकी से प्यार होता तो वो पैसें के लिए परेशान नहीं होते| अब अगर उनको प्यार हाकी या भारत के सम्मान से नहीं अपितु पैसों से है तो उनको कोई दूसरा काम मरना चाहिए | और हाँ बार बार क्रिकेट का रोना मत शुरू कर दिया करिए, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करके खेल प्रेमियों के दिल में जगह बने है | मालों के लफ्फाज कंगूरों से पहले एक गूंगी बुनियाद चाहिए | कोई बुनियाद बनाना नहीं चाहता हर किसी को कंगूरा बनना है!!!!!!!!!!