| 31. | बुध रेखा कहीं से भी जाए इसका अंत कनिष्ठिका अँगुली पर ही होता है।
|
| 32. | कनिष्ठिका ऊंगली मध्यमा के बराबर हो तो व्यक्ति अपने कार्यों से विश्वविख्यात होता है।
|
| 33. | बुध रेखा कहीं से भी जाए इसका अंत कनिष्ठिका अंगुली पर ही होता है।
|
| 34. | नारियों में तर्जनी और कनिष्ठिका पर भी अंगूठियाँ पहनने का रिवाज पाया जाता है।
|
| 35. | यदि अनामिका का झुकाव कनिष्ठिका की ओर हो तो व्यापार में विशेष लाभ मिलता है।
|
| 36. | इसमें तर्जनी (पहली उंगली) और कनिष्ठिका (चौथी उंगली) सीधी खड़ी रहेंगी।
|
| 37. | तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है।
|
| 38. | कनिष्ठिका अंगुली अनामिका अंगुली से बड़ी हो तो ऐसे जातक का भाग्य बहुत बढ़िया होता है।
|
| 39. | कनिष्ठिका का छोटा होना असफलता का प्रतीक है तथा इसका टेढा होना अस्थिरता का द्योतक है।
|
| 40. | पन्ना सवा 3 रŸाी सोने या चांदी में, कनिष्ठिका में बुधवार को प्रातः धारण करें।
|