मौतबिर के रूप में उपस्थित गवाह पी. डब्ल्यू. 3 ईश्वरसिंह ने यह कथन किया कि दिनांक 30-9-2005 को जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिक विभाग, सिरोही में कनिष्ठ लेखाकार के पद पर था उस रोज अधीशासी अभियन्ता के आदेश से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चौकी, सिरोही गया और पुलिस उप अधीक्षक परबतसिंह जी से मिला जिसने पास में बैठे परिवादी अणदाराम से परिचय करवाया और अणदाराम की रिपोर्ट पढवाई जिसमें पुलिस थाना, बागोडा वालों द्वारा रिश्वत राशि की मांग किया जाना अंकित था।
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दिनांक 26. 7.2003 को दो स्वतन्त्र गवाह परमानंद कलवानी सहायक परियोजना अधिकारी एवं भॅवरसिंह कनिष्ठ लेखाकार डी. आर. डी. ए. पाली तथा परिवादी जयसिंह व हेमसिंह को तलब किया जाकर नियमानुसार परिवादी जयसिंह द्वारा पेश किये गये सात सौ रूपये के नोटों के टाईगर चक्रों पर पुलिस उप अधीक्षक ने अपने लघु हस्ताक्षर किये तथा इन नोटों पर मुख्य आरक्षक राजवीरसिंह के हाथों से फिनोफथलिन पाउडर लगवाया गया तथा फिनोफथलिन पाउडर एवं सोडियम काबोनेट र्की क्रिया-प्रतिक्रिया का दृष्टान्त समझाया गया और इस कार्यवाही की फर्द तैयार की गई।
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जिला कलक्टर श्रेया गुहा ने बताया सम्मानित होने वालों में राजकीय डूंगर महाविद्यालय के छात्र भागीरथ शर्मा, आदर्श विद्या मंदिर, नोखा की छात्रा कनुप्रिया चौधरी, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विद्यालय की छात्रा भव्या मित्तल, टी.एन. कॉलेज ऑफ बायो साइन्स की छात्रा गायात्री चौधरी, पावर लिफटर इंदू ओझा, साईकलिस्ट जेठाराम गाट, जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी आनंद किशोर पुरोहित, नगर विकास न्यास के सहायक अभियंता (सिविल) लक्ष्मण सिंह, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुनील कुमार पुरोहित, नगर विकास न्यास के कनिष्ठ लेखाकार ललित मोहन शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय