कफ़ी आगे जाने परहम लोगो ने उनसे कहा कि वे खड़ी चढायी वाले छोटे रास्ते से जाना चहते है तो निकल जाये हम लोग घूम कर धीरे धीरे ही चढेगे.
32.
कफ़ी देर तक चल सकता है लेकिन उन दोनों के इस अद्भुत मिलन की साथी उन आवाजों को सुनकर गोपाल किसी भी वक्त जाग सकते थे और यहां कमरे में आकर अपने
33.
कफ़ी आज़मी. दिन हुए की मै अपने आप से अक्सर यह पूछ जाता की यह लोग कैसे २० रुपए मे अपना दिन गुज़र लेते है,अगर मै होता थो यह कभी नहीं कर पाता..
34.
यह कम्पाईलर कफ़ी पुराना है और नेट पर कई साईट पर उपलब्ध है (यह सी++ का कंपाईलर है पर आप इसकी मदद से सी सीख सकते हैं, हर जगह आसानी से उपलब्ध है)।
35.
स्नेह ने अपनी जमा-पूँजी में से कफ़ी हिस्सा अपनी सबसे बड़ी बहन के चारों बच्चों पर भी क़ुर्बान किया था पर अपनी नानी की मौत के बाद उन्होंने ननिहाल की ओर मुड़ कर भी नहीं देखा...
36.
कफ़ी आज़मी. दिन हुए की मै अपने आप से अक्सर यह पूछ जाता की यह लोग कैसे २ ० रुपए मे अपना दिन गुज़र लेते है, अगर मै होता थो यह कभी नहीं कर पाता..
37.
रफ़ी, सुरैया आ इन्तज़ार है तेरा-बडी मां-नूर जहां-के दत्ता मुझको अपने गले लगा लो-मुबारक बेगम कभी तन्हाइयों में-मुबारक बेगम-हमारी याद आयेगी...............अभी इतना कफ़ी है बाकी ओर कभी::सागर चन्द नाहर::
38.
गोविनदजी बहुत चोदु है औरा अब तक वो अपने घर मे कैए लरकी और औरत को चोद चुके थे और अब जब कि उनका कफ़ी उमर हो गया था मौका पते हि कोइ ना कोइ औरत को पता कर अपनि बिसतेर गरम करते थे।
39.
रजत यह देख कर बहुत हैरान हुआ कि छवि की चूत की सील पहले से ही न सिर्फ़ टूटी है पर वो कफ़ी खुली भी थी, रजत का लण्ड बिना किसी अवरोध के बड़े आराम से अंदर चला गया फिर भी उसने चुदाई जारी रखी।
40.
हज़ार लोग, हज़ार बातें, इसलिए पक्के से यह कहा नहीं जा सकता कि सच्चाई किस में है, वैसे सच्चाई जो भी है, यह तो तय है कि “ काफ़ी / कफ़ी ” (पंजाबी साहित्य का एक रूप) का जानकार उस-सा दूसरा कोई न हुआ।