सन् १९१४-१८ के विश्वयुद्ध में जहाजों की छतों को भी कवचित करने की आवश्यकता पड़ी, क्योंकि ऊपर से हवाई जहाजों से गोलियाँ बरसती थीं या बम गिरते थे और अधिक दूरस्थ तोपों के गोले भी ऊँचाई से गिरते थे।
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नीलम शारीरिक बल में वृद्धि कर तंत्र बाधा से रक्षा करता है पुखराज रक्त विकार को दूर कर गुदा रोग तथा कुष्ट से भी मुक्त करता है साथ ही भाग्योदय भी करता है पन्ना वाक् सिद्धि में सहायक है. हीरा पूर्णता देता है और खेच्ररत्व में वातावरण के अनुकूल बनाकर कवचित भी करता है तो वैक्रान्त रस शास्त्र में पूर्णता