| 31. | तुम्हारे ही लिए तो उठता है मेरा क़लम,
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| 32. | विवाद: डॉ. अनवर जमाल की क़लम से
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| 33. | नई क़लम-उभरते हस्ताक्षर: पालिश (कविता)
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| 34. | रंगो क़लम के होगए नक़्शो निगार बंद ॥15॥
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| 35. | ख़त लिखा न गया न क़लम चल सकी
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| 36. | बेज़ुबान थी मेरी आवाज़, बे-हर्फ मेरी क़लम ।।
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| 37. | मेरा क़लम तो अमानत है मेरे लोगों की।
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| 38. | मेरा क़लम तो अमानत है मेरे लोगों की।
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| 39. | खैयाम की रुबाइयाँ रघुवंश गुप्त की क़लम से
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| 40. | मैं क़लम को आँसुओं में सिर्फ़ डुबोता रहा
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