| 31. | यूँ ख़फ़ा न होइये सुर्ख गालों की क़सम
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| 32. | ” क़सम है तारे की जब वह गिरे।
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| 33. | मज़ा आ गया क़सम से इससे लिखने में।
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| 34. | किसी मासूम वफ़ा ने ये क़सम खाई है
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| 35. | तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम!
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| 36. | तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम!
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| 37. | ऐ माँ तेरे चेहरे की झुर्रियों की क़सम
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| 38. | जिसे देखो सदाक़त की क़सम खाई दावा जैसे,
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| 39. | क़सम साब, मज़ा आ गया रात '
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| 40. | मेरे क़रीब न आओ तुम्हे खुदा की क़सम
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