सम्पदा, जब कट लगता है, तो काम चोर लोग पहले निकाले जाते हैं | वर्षों से तुम इस देश में रह रही हो, फिर भी हरेक की बातों में आ जाती हो |
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कारण बिलकुल स्पष्ट है हम सब कमजोर और काम चोर है, कभी कोई अन् ना जन् तर मन् तर से हमें जगाता है तो कोई प्रशान् त या कोई किरण सब गुड़ गोबर करने को आ जाते है।
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” (pg 70) आत्मवृत में कामकाजी मजदूर औरत रामकुँवर का अपने साथ मिल में काम करने मजदूर साथी से प्रेम हो जाता है जिसके लिए उसका आलसी काम चोर, निखट्टू पति जयराम जिम्मेदार है जिसका जीवन अपनी बीबी की कमाई पर निर्भर है।
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जिन्होने सीखा कुछ नहीं, पर थोड़ी बहुत रूचि वहाँ रुकने घूमने मे दिखाई, उन्हे मॉनिटरिंग मे डाल दिया, जो इनसे भी पीछे थे, उन्हे प्रोक्यूर्मेंट व कांट्रॅक्ट भेज दिया, जो उनसे गये गुज़रे थे, उन्हे विजिलेन्स मे और जो सबसे बड़े काम चोर थे, उन्हे हेड ऑफीस दिल्ली भेज दिया गया.
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हमारे विष्णु जी अनादिकाल से शेष-शैय्या पर योगनिद्रा में लेटे दर्शाए जाते आ रहे हैं … और एक दन्त-कथानुसार, लक्ष्मी जी विष्णु जी से कहतीं हैं कि संसार तो वे चला रही हैं, जबकि विष्णु जी तो आराम से लेटे ही रहते हैं (काम चोर हैं?!) …
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जिसने समय का मूल्य नहीं समझा, उसे ज्यों-त्यों गुजार दिया, जिसने श्रम में उत्साह नहीं दिखाया, काम चोर की तरह बेगार भुगतान की तरह मजबूरी में जितना अनिवार्य था उतने ही हाथ पैर हिलाये तो यही समझना चाहिए कि वह जीवित रहते हुए भी मृतक जैसा आचरण कर रहा है ।।
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आम तौर पर रात को काम चोर करते है, दिल्ली पुलिस ने ये काम रात को क्यों किया? ३. लोगो को पीटना, मंच पर आग लगाना, CCTV footage गायब करना, आंसू गैस के गोले छोड़ना, और महिलाओ के कपडे फाड़ कर कौनसी बहादुरी साबित करना चाहती थी दिल्ली पुलिस?
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इस से उन को आरक्षण की जरूरत ही नहीं रहे गी और वे लोग भी अपने बल पर देश की प्रगती मैं अपना योगदान दे कर खुद को गोरवान्वित महसूस करेंगे. और उन का खुद अतम विशवास इतना वाढ जय गा की वो स्वयं आरक्षण का विरोध कर के काम चोर और अयोग्य लोगों समाज की मुख्या धारा मैं आने से रोक देंगे
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काफी दिनों से मन मै सवाल पैदा होता है की क्यो नाकारा, काम चोर, निककम्मे, देश द्रोही, निष्टुर, निर्दयी लोग उन्छे पदों पर पहुच कर आम जनता के लिए कास्ट पैदा करते रहते, अगर आप मै से किसी को इन सवालों के जबाब पता हो तो कृपया अपने कमेन्ट जरूर देना...................आप के उत्तरों किए प्रतीछा मै अम्बरीश कुमार
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आप से सहमत है जी, वेसे मुझे लगता है कि जो ज्यादा आलसी, वह्मी, काम चोर, ज्यादा भगवान पर अपना सब कुछ छोडने वाला कि भगवान ही करेगे, ओर ज्यादा किस्मत मै विश्वास करने वाले लोग ही ज्यादा इस के शिकार होते है, क्योकि एक कर्म योगी के पास कर्म करने के सिवा सोचने का समय ही नही होता