काम-क्रीड़ा है रक्त-मांस-मल-मूत्रमय दो जड़ शरीर धारी व्यक्तियों का अपनी जड़ेन्द्रियों का दासत्व स्वीकार कर उनकी सेवा के हेतु, एक-दूसरे के शरीर का पशुओं के समान भोग करने जैसा कुत्सित व्यापार।
32.
इतिहास के जनक कहे जाने वाले हेरोडेट्स ने लिखा है कि शक लोगों को जब संभोग की इच्छा होती थी, तो वे रथ से अपना तरकश लटका खुले में काम-क्रीड़ा करते थे।
33.
मंदिर अथवा कोई भी उपासना स्थल वह स्थान होता है जहां पहुंच कर मनुष्य लौकिक से अलौकिक की ओर आकर्षित होता है, तो फिर काम-क्रीड़ा रूपी लौकिक क्रियाओं का सार्वजनिक प्रदर्शन क्यो?
34.
इस समस्या को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पति और पत्नी को इस समस्या के बारे में आपस में खुलकर बात करनी चाहिए क्योंकि यही बातचीत काम-क्रीड़ा का दूसरा रूप होती है।
35.
कबी शालमंजिक के रुप में तो कभी अपने प्रेमी के साथ काम-क्रीड़ा तथा भोगविलास करते, सखियों के साथ हास, परिहास और वार्तालाप करते, बच्चों को स्तनपान कराते, श्रृंगार करते, सोते, उठते-बैठते, प्रत्येक स्थिती में तन्मय और भाव-विभोर होकर।
36.
कबी शालमंजिक के रुप में तो कभी अपने प्रेमी के साथ काम-क्रीड़ा तथा भोगविलास करते, सखियों के साथ हास, परिहास और वार्तालाप करते, बच्चों को स्तनपान कराते, श्रृंगार करते, सोते, उठते-बैठते, प्रत्येक स्थिती में तन्मय और भाव-विभोर होकर।
37.
इसी प्रकार कविता में यौनाचार और काम-क्रीड़ा की बार-बार चर्चा, गाँव को शहर बनाने की संकल्पना जबकि शहरी संस्कृति से मोतीलाल स्वयं दु: खी है, तम्बाकू की डिबिया तथा शराब की बोतलें खोलने का आवाह्न एवं ‘
38.
कबी शालमंजिक के रुप में तो कभी अपने प्रेमी के साथ काम-क्रीड़ा तथा भोगविलास करते, सखियों के साथ हास, परिहास और वार्तालाप करते, बच्चों को स्तनपान कराते, श्रृंगार करते, सोते, उठते-बैठते, प्रत्येक स्थिती में तन्मय और भाव-विभोर होकर।
39.
इसलिए इसका अर्थ रतिक्रीड़ा करना, इठलाना, आदि भी किया जा सकता है अर्थात जिस प्रकार पत्नी अपने पति की गोद में लेटकर, इठलाती रहती है और काम क्रीड़ा को बढ़ाकर, उसमें सहयोग कर, फ़िर थक कर सो जाती है, उसी प्रकार विद्युत भी इठलाकर तुम्हारी काम-क्रीड़ा बढ़ाक
40.
इस स्थिति को रोकने के लिए संभोग के समय में लिंग को योनि में प्रवेश करते वक्त और घर्षण के समय जब काम-क्रीड़ा के खेल के विचारों को त्याग देते हैं तो उसे ही अपना ध्यान सेक्स से अन्य मन विचारों की ओर मोड़ देने की कला कहते हैं।