अजवाइन, झाऊ का बक्कल, धनिया, त्रिफला, बड़ी पीपल, काला जीरा, अजमोद, पीपला मूल (पीपल की जड़) और वायबिडंग को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर रख लें।
32.
बडे साइज़ के चार आलू काला जीरा एक छोटी चम्मच पीसी लाल मिर्च एक छोटी चम्मच अमचूर दो छोटी चम्मच नमक स्वाद अनुसार देसी घी दो बडे चम्मच पानी आधा लीटर गर्मी मे ये रेसिपी बहुत ही आसन है बनाना ।
33.
यदि गर्भाशय शीतल (ठंडा) हो गया तो बच, काला जीरा, और असगंध इन तीनों को सुहागे के पानी में पीसकर उसमें रूई का फाहा भिगोकर तीन दिनों तक योनि में रखने से उसकी शीतलता दूर हो जाती है।
34.
हृदय रोग-बड़ी इलायची, काली मिर्च, काला जीरा, अदरक आदि से तैयार अरबी की सब्जी कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने रहने से हृदय दौर्बय, रक्ताल्पाता (खून की कमी) व अन्य हृदय रोग जाते रहते है।
35.
सेंधा नमक १ ५ ० ग्राम + अकरकरा २ ५ ग्राम + सोंठ २ ५ ग्राम + पीपर २ ५ ग्राम + काली मिर्च २ ५ ग्राम + सफ़ेद जीरा २ ५ ग्राम + शुद्ध गंधक २ ५ ग्राम + काला जीरा २ ५ ग्राम + शुद्ध हींग २.
36.
श्वेत-जीरा दो माशा, काली मिर्च तीन माशा एवं मिश्री 6 माशा को खूब पीस कर दो-दो माशे के अनुपात में नित्य सवेरे-शाम शीतल जल केसाथ लें; 4. काला जीरा भून कर समान भाग बिना भूरा जीरा दोनों का महीन चूर्ण बनाकर प्रातः-संध्या सेवन करने से दोनों तरह के बवासीर में लाभ होता है ।
37.
बासी अन्न, कीड़े, बाल पड़ा हुआ अन्न, कुत्ते द्वारा दृश्य, पहने हुए वस्त्र से ढका हुआ अन्न, बैंगन, मसूर, अरहर, गोल लौकी, कुम्हड़ा, शलजम, हींग, प्याज, लहसुन, काला जीरा व काला नमक, गाजर, आदि को न प्रयोग करें न परोसे।
38.
श्राद्ध में उरद, मसूर, अरहर, गाजर, गोल लौकी, बैंगन, शलजम, हींग, प्याज, लहसुन, काला नमक, काला जीरा, सिंघाड़ा, जामुन, पिप्पली, सुपारी, कुलथी, कैथ, महुआ, अलसी, पीली सरसों, चना, मांस, अंडा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहि ए. 8. श्राद्ध बिना आसन के नहीं करना चाहि ए.
हर्बल उत्पादों की 2002 की एक प्रणालीगत समीक्षा में यह पाया गया कि पुदीना और काला जीरा सहित विभिन्न जड़ी-बूटियों के गैर-अल्सर अपच पर अपच-रोधी प्रभाव होते हैं जिसके साथ “प्रोत्साहक सुरक्षा संबंधी रूपरेखाएं” होती हैं. [5] 2004 के एक जनसांखिकीय-विश्लेषण,जिसमें तीन डबल-ब्लाइंड कूटभेषज-नियंत्रित अध्ययनों से आंकड़े संग्रह किये गए, ने यह पाया कि विविध अपच संबंधी निदानों को लक्ष्य करते हुए कार्यात्मक अपच से प्रभावित मरीजों का उपचार करने के समय विविध जड़ी-बूटी सार आइबेरोगास्ट कूटभेषज की अपेक्षा महत्वपूर्ण रूप से अधिक प्रभावकारी (