| 31. | यहीं से काल विभाजन और साहित्य इतिहास के नामकरण की सुदृढ़ परंपरा का आरंभ हुआ।
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| 32. | डॉ. सुशील जोशी ने काल विभाजन कुछ ऐसा प्रस्तुत किया है-1.
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| 33. | हिन्दी साहित्य के इतिहास एवं काल विभाजन के लिये देखें-हिन्दी साहित्य का इतिहास
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| 34. | परंपरा और उत्सव व्यक्तिगत नहीं होते, उन्हें काल विभाजन के अनुसार नहीं बांटा जा सकता।
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| 35. | भूतकाल, वर्तमान काल एवं भविष्य काल जैसा काल विभाजन उसके लिए कोई मायने नहीं रखता।
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| 36. | इन्हीं विविध चरणों को हम हिन्दी साहित्य में काल विभाजन की दृष्टि से स्वीकार करते हैं।
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| 37. | इन्हीं विविध चरणों को हम हिन्दी साहित्य में काल विभाजन की दृष्टि से स्वीकार करते हैं।
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| 38. | ब्रह्मांड पुराण व वायुपुराण में निमेष से प्रलय तक के काल विभाजन का उल्लेख मिलता है।
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| 39. | वास्तव में हिंदी पत्रकारिता का तार्किक और वैज्ञानिक आधार पर काल विभाजन करना कुछ कठिन कार्य है।
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| 40. | 30. “हिन्दी व्याकरण का काल विभाजन: एक दृष्टि”, पृ.46 ; प्रकाशन विवरण हेतु देखें सन्दर्भ 31.
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