अतएव नेचरवाद की सभ्यता किसी अंश में अच्छी होती हुई भी अपने अंदर चिरस्थायी रहने की शक्ति नही रखती, इसलिए यह सभ्यता त्रुटिपूर्ण है।
32.
मेरे विचार में किसी अंश में यह सम्भव भी है, क्योंकि औषधि तीन प्रकार की होती हैं-(1) दैविक (2) मानुषिक, (3) पैशाचिक ।
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जैसे बुरे लोगों के मुहल्ले में या सत्संग में रहने से उनका प्रभाव किसी न किसी अंश में गुप्त रूप से अपने ऊपर पड़ जाता है।
34.
विदेशी भाषाओं के शब्दकोष, व्याकरण, मुहावरे, विदेशी भाषाओं के श्रेण्यग्रंथों के संस्करण आदि में यदि किसी अंश में अंग्रेजी शामिल है तो वह भीसम्मिलित की जाती है.
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नाद-सौन्दर्य कविता के स्थायित्व का वर्धक है, उसके बल से कविता ग्रंथाश्रय-विहीन होने पर भी किसी न किसी अंश में लोगों की जिह्वा पर बनी रहती है.
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नाद-सौन्दर्य कविता के स्थायित्व का वर्धक है, उसके बल से कविता ग्रंथाश्रय-विहीन होने पर भी किसी न किसी अंश में लोगों की जिह्वा पर बनी रहती है।
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इसका महत्व या इसकीश्रेष्ठता इसी से प्रकट होती है कि लगभग समस्त योग-साधनाओं में राजयोग केअष्टांग साधनों को किसी न किसी अंश में अवश्य स्वीकार किया जाता है.
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एक ही साथ मुस्कान और हड़बड़ी का ऐसा समिश्रण देखते ही उस एक सेकेंड के किसी अंश में ही उसका खूब सोचने वाला दिमाग शून्य सा हो गया।
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नाद-सौन्दर्य कविता के स्थायित्व का वर्धक है, उसके बल से कविता ग्रंथाश्रय-विहीन होने पर भी किसी न किसी अंश में लोगों की जिह्वा पर बनी रहती है।
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एक ही साथ मुस्कान और हड़बड़ी का ऐसा समिश्रण देखते ही उस एक सेकेंड के किसी अंश में ही उसका खूब सोचने वाला दिमाग शून्य सा हो गया।