इस योजना के तहत सरकार ने एक परिवार को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार देने के लिए अधिनियम बनाया है और इसके बदले उन्हें न्यूनतम वेतन एक जनवरी 2011 के बाद अब अकुशल मजदूर को 179 रुपये, अद्र्धकुशल मजदूर को 183 रूपये, कुशल मजदूर को 188 तथा अत्याधिक कुशल मजदूर को 198 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है जो कि देश में सर्वाधिक है।
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यद्यपि याची एवं विपक्षी संख्या-3 द्वारा अपनी साक्ष्य में यह कहा गया है कि मृतक को बतौर राजमिस्त्री 250-00 रूपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती थी मगर उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा जनपद पिथौरागढ़ में अकुशल एवं कुशल मजदूर को दी जाने वाली मजदूरी के सम्बन्ध में शासनादेश जारी किया गया है, जो दिनांक 1-10-2009 से प्रभावी है, जिसके अनुसार कुशल श्रमिक, मिस्त्री, राजमिस्त्री, कारपेन्टर, लोहार, पेन्टर, प्लम्बर आदि को 190-00 रूपये प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है।
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अगर हम पांच हजार महीने की तनख्वाह भी मानें तो प्रतिदिन का 167 रूपया बनता है जबकि इस प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी की दर अकुशल मजदूर की 166 रूपये अर्धकुशल की 176 रूपये व कुशल मजदूर की 186 रूपये तय की गई है और इस हिसाब से देखा जाए तो पत्रकार को अकुशल मजदूर माना जा रहा है और जहां पांच हजार से कम का वेतन मिल रहा है वहां तो हालात और भी खराब है।