कूंड से कूंड |बुवाई का समय एवं बिधि: अलसी बोने का उचित समय सम्पूर्ण अक्टूबर माह है| इसका बीज २५-३० किग्रा./हे. की दर से बोया जाता है| इसकी बुवाई हल के पीछे कूंडों में २५ से. मी. की दूरी पर करें |
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कूंड से कूंड |बुवाई का समय एवं बिधि: अलसी बोने का उचित समय सम्पूर्ण अक्टूबर माह है| इसका बीज २५-३० किग्रा./हे. की दर से बोया जाता है| इसकी बुवाई हल के पीछे कूंडों में २५ से. मी. की दूरी पर करें |
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उन्होंने कहा कि कलेसर में सिंचाई विभाग की लगभग 9 एकड़ भूमि का स्थानांतरण पर्यटन विभाग में किया गया है इसी प्रकार सूरज कूंड पर्यटक स्थल पर भी 39 एकड़ से अधिक भूमि का स्थानांतरण फरीदाबाद नगर निगम से किया गया है।
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शोभायात्रा कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने संत समागम स्थल से शुरु हुई वहां से बेलाही घाट, नवापारा के सोमवारी बाजार, पंजवानी चौक, महावीर चौक, नेहरु घाट, इंदिरा मार्केट, महानदी पुल, श्री राजीव लोचन मार्ग से गुजरते हुए शाही स्नान कूंड स्थल पर पहुंची ।
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कूंड से कूंड | बुवाई का समय एवं बिधि: अलसी बोने का उचित समय सम्पूर्ण अक्टूबर माह है | इसका बीज २ ५-३ ० किग्रा. / हे. की दर से बोया जाता है | इसकी बुवाई हल के पीछे कूंडों में २ ५ से. मी. की दूरी पर करें |
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कूंड से कूंड | बुवाई का समय एवं बिधि: अलसी बोने का उचित समय सम्पूर्ण अक्टूबर माह है | इसका बीज २ ५-३ ० किग्रा. / हे. की दर से बोया जाता है | इसकी बुवाई हल के पीछे कूंडों में २ ५ से. मी. की दूरी पर करें |
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विनोबा जब आवाह्न करते हैं तो किसान जमींदार और सामंत जो उससे पहले जमीन के लिए खून-खराबा और मारकाट करते आए थे, जिसके एक कूंड के लिए गांवों में लाशें बिछ जाया करती थीं, वे उस जमीन को खुशी-खुशी दान कर देते हैं, ताकि वह गांव के ही भूमिहीनों के पेट भरने के काम आ सके.
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इसमे तिल की फिलोड़ी अवम फाईटोप्थोरा झुलसा रोग लगते हैI फिलोड़ी की रोकथाम के लिए बुवाई के समय कूंड में 10 जी. 15 किलोग्राम या मिथायल-ओ-डिमेटान 25 ई.स ी 1 लीटर की दर से प्रयोग करना चाहिए तथा फाईटोप्थोरा झुलसा की रोकथाम हेतु 3 किलोग्राम कापर आक्सीक्लोराइड या मैन्कोजेब 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से आवश्यकतानुसार दो-तीन बार छिडकाव करना चाहिएI
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बुवाई खरीफ व जायद दोनों फसलो में अलग-अलग समय पर की जाती है, खरीफ में जुलाई के प्रथम पक्ष में बुवाई की जाती है, जायद में 15 फरवरी से 15 मार्च तक बुवाई की जाती है, जहाँ तक रहा सवाल बुवाई के तरीके का, उर्द की बुवाई हल के पीछे कुडों में करना चाहिए, खरीफ में कूंड से कूंड की दूरी 30 से 45 सेमी.
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बुवाई खरीफ व जायद दोनों फसलो में अलग-अलग समय पर की जाती है, खरीफ में जुलाई के प्रथम पक्ष में बुवाई की जाती है, जायद में 15 फरवरी से 15 मार्च तक बुवाई की जाती है, जहाँ तक रहा सवाल बुवाई के तरीके का, उर्द की बुवाई हल के पीछे कुडों में करना चाहिए, खरीफ में कूंड से कूंड की दूरी 30 से 45 सेमी.