विद्वानों ने पहाड़ो पर कूठ नमक औषधि प्राप्त किया (६-९ ५-१) कूठ सभी जीवो का आधार है यह रोगी को स्वस्थ करता है ।
32.
अश्वगंधा तेल-अश्वगंधा, शतावरी, कूठ, जटामांसी तथा छोटी व बडी कटेरी के फू ल-सभी को समान मात्रा में लेकर 250 ग्राम कल्क बना लें।
33.
अर्जुन के फूल, बायविंडग, जलपीपल, मोम, चंदन, राल, खस, कूठ और भिलावा को बराबर मात्रा में लेकर धूनी देने से मच्छर और कीड़े मर जाते हैं।
34.
घर में लोबान, गुगुल, राल, पीली सरसों, राई-देवदारू, कूठ, प्रियंगु, अगर-तगर, लोध्र, नागरमोथा आदि सामग्री को उपले पर रखकर जलाएं।
35.
पीपल वृक्ष की अन्तरछाल, केले का पंचांग (फूल, पत्ते, तना, फल व जड़), सहिजन के पत्ते, अनार की जड़ और अनार के छिलके, खम्भारी की अन्तरछाल, कूठ और कनेर की जड़, सब 10-10 ग्राम।
36.
कूठ को 7 दिनों तक नींबू के रस में भिगोकर रख दें फिर सात दिनों के बाद इसको पीसकर शहद के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक चेहरे पर लगाने से चेहरा पूरी तरह चमकदार हो जाता है।
37.
कूठ व सेंधानमक को बरगद के दूध में मिलाकर लेप करें, तथा ऊपर से छाल का पतला टुकड़ा बांध दें, इसे 7 दिन तक 2 बार उपचार करने से बढ़ी हुआ गांठ दूर हो जाती है।
38.
शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द हो, पेट में दर्द हो या किसी अन्य प्रकार का दर्द हो तो, हल्दी + मेथी + सौंठ + अश्वगंधा + कूठ को मिलाकर कुछ दिनों तक लें.
39.
स्वर-भेदनाशक योग-कुलंजन की जड़, अकरकरा की जड़, वचा, ब्राह्मी,मीठा कूठ व सफेद मिर्च, इन सबका कपड़छान चूर्ण बनाकर एक से दो ग्राम तक शहद के साथ दिन में तीन बार चटाने से स्वर-भेद(गला बैठना) अच्छा हो जाता है ।
40.
सांप का ज़हर खून में घुस गया हो तो जड़ का पावडर दूध में मिला कर पिला दीजिये-१२ ग्राम सांप का जहर मांस में फ़ैल गया हो तो कूठ का पावडर और अपराजिता का पावडर १२-१२ ग्राम मिला कर पिला दीजिये.