संत्सू का अहंकार उसे उसके पूर्व कथनानुसार कहीं और जाकर कुआं खोदने और खेती करने के स्थान पर कृषकाय हो अपनी अकड साबित करने में परिलक्षित होता है..
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उम्र के पड़ावों पर …! इन जीती-जागती मानव देहों का क्या होगा जो सभ्यता से दूर … जर्जर कृषकाय सूनी आंखों और हड्डियों को लिए पशुओं की तरह जीते-मरते रहेंगे।
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भले ही इन वर्षों में इरोम शर्मिला का कृषकाय शरीर और जर्जर व कमजोर हुआ हो पर कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने वाली उनकी आन्तरिक ताकत और इच्छा. शक्ति बढ़ी है।
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खाली सर वाले पुलिस वाले तुरंत सिर पर टोपी पहन लेते हैं … और रिश्वत लेते हाथ इसे देखते ही यकायक रुक जाते हैं … कृषकाय … साधारण सा दिखने वाला इंसान ….
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‘ चचा ' के नाम से मशहूर सीताराम केसरी उन दिनों पार्टी के अध्यक्ष हुआ करते थे और पिछले पांच सालों से झुके कंधों और कृषकाय शरीर वाले नेताओं के पीछे चलते-चलते आम कांग्रेसी को भी थकान हो चली थी।
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साठ साल से लेकर अस्सी-नब्बे साल तक के बूढ़े और ‘ जवान ', विनम्र या रौबदार, दुबले-पतले या थुलथुले, भारी-भरकम या कृषकाय, जीर्ण-शीर्ण या चाक-चौबन्द, या मध्यम श्रेणी के ही ; हर प्रकार के बुजुर्गों का जमघट था।
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परिष्कृत जीवन को परिपुष्ट जीवन कह सकते हैं और पूजा-पाठ को शृंगार स्वस्थता के रहते यदि शृंगार भी लिया जाये, तो हर्ज नहीं, पर अकेले शृंगार सज्जा बनाकर कोई कृषकाय जराजीर्ण, रोगग्रस्त, मात्र उपहासास्पद ही बन सकता है।
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व्यक्तिवादी, चारित्रिक रूप से कृषकाय विदेशी शासकों के शासन में कुछ दुर्वल-चरित्र हुए भारतीय शासक या अभिजात्य वर्ग अपना जनवादी चरित्र भूलकर अपने शासकों का चरित्र अपनाने लगे थे और इसप्रकार की धारणाएं बनने लगीं जो तुम व्यक्त कर रहे हो । '
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आज आपका नाम है, मान है सम्मान है सब कुछ है और इन सबके बीच में मैं या मेरी वो कृषकाय माँ कहीं भी नहीं आते हैं क्योंकि वहाँ तो कोई और है, वो जिसे आपने सीढी क़ी तरह इस्तेमाल किया है।
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पेड़ों की इन्हीं कतारों के मध्य अमलतास का एक अकेला पेड़ है-मझोले कद का जो दिनोंदिन लघुकाय-कृषकाय होता जा रहा है और इस साल तो इस पर बहुत कम फूल आए हैं-इतने कम गुच्छे कि उन्हें आसानी से गिना जा सकता है।