उनसे यह प्रष्न पूछा गया कि क्या आप कृषिवानिकी जानती है या किसे कहते हैं तो शत प्रतिशत उत्तर ' ' नहीं '' मिला, लेकिन जब कृषिवानिकी के बिन्दुओं को समझाया गया तो उसमें ग्रामीण्ा महिलाओं ने जागरूकता का अच्छा उत्तर दिया।
32.
सहभागी प्रबन्धन जिसमें ग्रामीण महिलाओं की विभिन्न पहलुओं जैसे नीति निर्धारण, योजना क्रियान्वयन एवं लाभांश में यदि उचित भागीदारी की जाय तो कृषिवानिकी के कार्यक्रमों को गाँव, विकास खण्ड, तहसील तथा जिला स्तर पर सफल बनाने में ग्रामीण महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
33.
कृषिवानिकी भूमि प्रबन्ध की एक ऐसी पद्वति है जिसके अर्न्तगत एक क्षेत्र पर कृषि फसलों एवं बहुउद्देषीय वृक्षों, झाड़ियों, फल-वृक्षों के साथ-साथ पषुपालन को लगातार या क्रमबद्व विधिसे किया जाता है तथा भूमि की उपजाऊ क्षमता का बढ़ाया जाता है।
34.
ग्राम पलींदा के चयन का मुख्य कारण यह है कि इस गाँव में राष्ट्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान केन्द्र, झाँसी द्वारा किसान मेला एवं किसान गोष्ठी का आयोजन कराया जा चुका है तथा गाँव में प्रदेश सरकार तथा गैर सरकारी संगठनों (एन. जी. ओ.) द्वारा स्वजल परियोजना एवं अन्य कार्य किए गए हैं।
35.
ग्रामीण महिलाओ के लिए भी विस्तार कार्यक्रमों, जैसे रेडियो, गोष्ठियों, महिला दिवसों का आयोजन, प्रक्षेत्र भ्रमण, महिला एवं बाल स्वास्थ्य षिविर, महिला कृषकों को जानकारी एवं प्रषिक्षण पोषण वाटिकाओं की स्थापना एवं वन महोत्सव, महिला समूहों का गठन एवं संचालन द्वारा उन्हें नए कृषिवानिकी ज्ञान की जानकारी देकर प्रषिक्षित किया जाए तो कृषिवानिकी की ग्रामीण महिलाओं के लिए लाभकर बनाया जा सकता है।
36.
ग्रामीण महिलाओ के लिए भी विस्तार कार्यक्रमों, जैसे रेडियो, गोष्ठियों, महिला दिवसों का आयोजन, प्रक्षेत्र भ्रमण, महिला एवं बाल स्वास्थ्य षिविर, महिला कृषकों को जानकारी एवं प्रषिक्षण पोषण वाटिकाओं की स्थापना एवं वन महोत्सव, महिला समूहों का गठन एवं संचालन द्वारा उन्हें नए कृषिवानिकी ज्ञान की जानकारी देकर प्रषिक्षित किया जाए तो कृषिवानिकी की ग्रामीण महिलाओं के लिए लाभकर बनाया जा सकता है।
37.
ग्रामीण महिलाओं द्वारा कृषिवानिकी से सम्बन्धित समस्याओं का जब जिक्र किया गया तो उनके विचार से सिंचाई जल की कमी, बैंक से कर्ज न मिलना, जमीन का न होना, बाढ़ की व्यवस्था न होना, छुठ्टा जानवरों द्वारा चरने की समस्या, बाजार की कमी, अच्छे वृक्षों की पौध उपलब्ध न होना, र्इंधन की लकड़ी बेचने में दिक्कत, अषिक्षा, सरकारी विभागों की उदासीनता मुख्य समस्याएं सामने आईं।