उल्लेखनीय है कि मुद्गल प्रकरण (1951), मूंदड़ा डील्स (1963), मालवीय-सिराजुद्दीन घोटाला (1963) और प्रताप सिंह कैरोन प्रकरण (1963) के लिए कांग्रेस के मन्त्रियों तथा मुख्य मन्त्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे किन्तु किसी भी मन्त्री, मुख्य मन्त्री तथा प्रधान मन्त्री ने इस्तीफा नहीं दिया।
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उल्लेखनीय है कि मुद्गल प्रकरण (1951), मूंदड़ा डील्स (1963), मालवीय-सिराजुद्दीन घोटाला (1963) और प्रताप सिंह कैरोन प्रकरण (1963) के लिए कांग्रेस के मन्त्रियों तथा मुख्य मन्त्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे किन्तु किसी भी मन्त्री, मुख्य मन्त्री तथा प्रधान मन्त्री ने इस्तीफा नहीं दिया।