शोध में यह पाया गया कि 16 सप्ताह तक लगातार कैल्शियम युक्त चीज़ो का सेवन करने के बाद लोगों के व • ान में 11. 6 कि. ग्रा. की कमी हुई।
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उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण रखने के लिए यह सुझाव दिया जाता है कि वज़न तथा नमक को कम किया जाए, कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों तथा फल और सब्जियों के सेवन को बढ़ाया जाना चाहिए।
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नियमित स्वास्थ्य चेकअप, राशन व्यवस्था में बूढ़ी महिलाओं के लिए कैल्शियम युक्त आटा, उनके इलाज के लिए सस्ते सब्सिडाइज्ड फूड कार्ड की व्यवस्था जरूरी है क्योंकि बूढ़ों के लिए स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध नहीं है।
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इनमें प्रमुख हैं-लगभग 6 प्रतिशत टैनिन्स, कैटेकॉल, उत्पत तेल (इसेन्शियल ऑइल) हिमेटॉक्सीलिन, एक कीटोस्टेरॉल, एक ग्लाइकोसाइड, सौपोनिन्स, एक कैल्शियम युक्त कार्बनिक यौगिक और एक लौह खनिज युक्त कार्बनिक यौगिक ।
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चूँकि यह कैल्शियम युक्त रेतीले पत्थर और मूँगा चट्टाने सामान्य चट्टानो से कम कठोर है, सम्भव है कि प्राचीन काल में लोगो ने इसका प्रयोग भारत और श्रीलंका के बीच सम्पर्क मार्ग बनाने के लिये किया हो।
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इसकी रासायनिक संरचना करने पर अशोक की छाल में टैनिन 7 प्रतिशत, कैटेकॉल 3 प्रतिशत, इसेन्शियल आइल 4 प्रतिशत, कैल्शियम युक्त कार्बनिक 2 प्रतिशत, लौह खनिज 4 प्रतिशत तथा ग्लाइकोसाइड भी पाया जाता है, जिसकी क्रिया एस्ट्रोजन हार्मोन जैसी होती है।
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द्वारा ' हड्डी के बहुत इन वर्षों में बैंकिंग', कंकाल उम्र में आगे बढ़ने के साथ होता है हड्डी हानि का सामना करने के लिए एक बेहतर स्थिति में है और इस वजन असर व्यायाम का सेवन के उपक्रम और एक अच्छी तरह से संतुलित, कैल्शियम युक्त आहार खाने के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
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परन्तु राम सेतु मे मूँगा चट्टाने मुश्किल से 1 से 2. 5 मीटर की मिली है, बाकी भाग समुद्री रेत है| ये चट्टाने मूँगे के गोल, छोटे टुकडो जैसे है| ऐसा लगता है कि इन टुकडो को कही और से लाकर यहाँ रखा गया है| चूँकि यह कैल्शियम युक्त रेतीले पत्थर और मूँगा चट्टाने सामान्य चट्टानो से कम कठोर है, सम्भव है कि प्राचीन काल मे लोगो ने इसका प्रयोग भारत और श्रीलंका के बीच सम्पर्क मार्ग बनाने के लिये किया हो|
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आंवला का पौधा जलवायु एवं भूमि दोनों के प्रति काफी सहिष्णु होता है इसके लिए शुष्क जलवायु उत्तम मानी जाती हैI आंवला एक समशीतोष्ण पौधा हैI सामान्य रूप से आंवला की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है उसरीली तथा अन्य प्रकार की बंजर भूमि जिसका पी एच मान 9. 00 तक हो उसमे भी इसकी खेती की जा सकती है फिर भी उचित जल निकास के साथ बलुई दोमट से मटियार दोमट भूमि जो कैल्शियम युक्त हो सर्वोतम रहती हैI
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आंवला की खेती के लिए किस तरह की भूमि एवं जलवायु की आवश्यकता होती है? आंवला का पौधा जलवायु एवं भूमि दोनों के प्रति काफी सहिष्णु होता है इसके लिए शुष्क जलवायु उत्तम मानी जाती हैI आंवला एक समशीतोष्ण पौधा हैI सामान्य रूप से आंवला की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है उसरीली तथा अन्य प्रकार की बंजर भूमि जिसका पी एच मान 9.00 तक हो उसमे भी इसकी खेती की जा सकती है फिर भी उचित जल निकास के साथ बलुई दोमट से मटियार दोमट भूमि जो कैल्शियम युक्त हो सर्वोतम रहती हैI