कण भी एक नन्हा सा कोणीय संवेग या चुंबकीय क्षेत्र रखते हैं इसलिए उनके इस गुणधर्म को स्पिन कहते हैं।
32.
अत: यदि चक्र का कोणीय संवेग I ' w काफी अधिक होगा तो w ¢ का मान बहुत कम होगा।
33.
कण भी एक नन्हा सा कोणीय संवेग या चुंबकीय क्षेत्र रखते हैं इसलिए उनके इस गुणधर्म को स्पिन कहते हैं।
34.
प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है और दोनो की आंतरिक कोणीय संवेग (स्पिन) १/२ होती है।
35.
परमाणु और उप-परमाणु पैमाने पर, यह संबंध घूर्ण चुंबकीय अनुपात, कोणीय संवेग के प्रति चुंबकीय आघूर्ण के अनुपात द्वारा व्यक्त होता है.
36.
इनके अलावा नाभिक के कई गुण होते है जैसे आकार, आकृति, बंधन ऊर्जा, कोणीय संवेग और अर्ध-आयु इत्यादि ।
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परमाणु और उप-परमाणु पैमाने पर, यह संबंध घूर्ण चुंबकीय अनुपात, कोणीय संवेग के प्रति चुंबकीय आघूर्ण के अनुपात द्वारा व्यक्त होता है.
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प्रोटॉन व न्यूट्रॉन दोनो का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है और दोनो की आंतरिक कोणीय संवेग (स्पिन) १ / २ होती है।
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बढ़ाकर भी घूर्णक्षस्थापी के कोणीय संवेग में बहुत अधिक सीमा तक वृद्धि की जा सकती है इससे घूर्णक्षस्थापी पर किसी अल्पायु बाह्य बलयुग्म का प्रभाव नहीं पड़ सकता।
40.
के अक्ष के चारों ओर एक कोणीय संवेग उत्पन्न हो जाता है, जिसके कारण पिंड में उस अक्ष के चारों और भ्रमि करने की प्रवृत्ति उत्पन्न हो जाती है।