मुक् ति बोध इस अर्थ में अपने युग का और अपने सामयि क साहि त् यकारों का अति क्रमण करते हैं क् योंकि मनुष् य को पाने की जि तनी उत् कट आकांक्षा उनके यहॉं है वह अन् यत्र उतनी फोर्स के साथ दि खाई नहीं देती।
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यदि इस घो षणा का अति क्रमण करके को ई भी भेद-भा व कि या जा या उस प्रका र के भेद-भा व को कि सी प्रका र से उकसा या जा या, तो उसके वि रुद्ध समा न संरक्षण का अधि का र सभी को प्राप्त है ।
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' ट्वि टर ' पर संवाद करने वालों की बातें संबंधि त वि षय तक ही सीमि त नहीं रहतीं, उसी तरह नेट पर बातें करने या लि खने वालों की बातें संबंधि त वि षय तक सीमि त नहीं रहतीं बल् कि उसका अति क्रमण कर जाती हैं।
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हमें अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी स् तर पर लापरवाही नही बरती चाहिये, खासकर यह जिम् मेदारी तय होनी चाहिये कि राष् ट्रीय विपत्ति के क्रम में, आतंकवादी गतिविधियों या बाहय आ क्रमण के समय बरती जाने वाली कोताही को किसी सूरत में बख् शा नही जायेगा।
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शत गुन गंधक का जारण, क्रमण,खरल,पुट तथा बिडों आदि के द्वारा उनके अनु,रेनू,परमाणु को भेद कर सुक्षमातिसुक्ष्मा करना.यदि हम इस जानकारी को ध्यान में रखकर क्रिया करेंगे तो हमें सफल होना ही है.और इस ज्ञान को आत्मसात कर अपनी लाइफ को हैल्थ और वेअल्थ से भर लेना है.पारद संस्कार आदि नेक्स्ट लेख में.........****
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साक्षी भाव है लौट आना, छोड़कर जीवन के क्रमण 4 को, आक्रमण को, अतिक्रमण को, खोल देना मुटि्ठयां समय से पहले ही क्या ले जाएगी मृत्यु तब, जब होंगे हाथ खाली? हो जा भय से मुक्त ठहर जा अभी, वर्तमान में, समय में, आ लौट चलें! रे मनवा मेरे!
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मुसलमानों का इस्लाम के प्रचार और उनकी पैशाचीक महत्वाकांक्षाओ की पूर्णता हेतु आठवी शताब्दी में मीर कासिम के नेतृत्व में सिंध पर आ क्रमण हुआ, जिसमे सिंध के ब्रह्मण वंश के राजा दाहीर के वीरगति के बाद अरबो का सिंध पर शासन प्रस्थापीत हुआ और इसी घटना के साथ सिंध में मुसलमानों द्वारा हिन्दुओ के प्रचंड धर्मांतरण एवं कत्ले-आम की अपेक्षीत शुरुवात हुयी.
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You might also like: का जो विजेट चिपलूकर साहब की तरह आपने लगाया है यह पाठक के चिंतन पर अति क्रमण है, पाठक जब आखरी लाइन पढता है तब वह उस लेख पर गौर व फिकर / विचार चिंतन करना चाहता है, लेकिन इस विजेट के कारण दूसरे तीन लेख पर उसकी नजर पडेगी वह उन्हें पढने में लग जायेगा, जिस कारण वह पढे गये लेख पर विचार करने के बजाय दूसरे पढने लग जायेगा, यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक वह आपके ब्लाग में रहेगा, नतीजा यह होगा कि आपका लेख व्यर्थ जासकता है,