इसके बाद भोजन ग्रसनी से होकर बोलस के रूप में ग्रसिका में प्रवेश करता है, जो आगे क्रमाकुंचन द्वारा आमाशय तक ले जाया जाता है।
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डिसेण्डिंग कोलन में क्रमाकुंचन तरंगे उत्तेजित होने पर उसी समय आन्तरिक गुदीय संकोचिनी शिथिल हो जाती है तथा मलाशय एवं सिग्मॉयड कोलन शक्ति के साथ संकुचित हो जाते हैं।
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वहीं दुबले लोगों के शरीर में गया भोजन क्रमाकुंचन गति के लिए आवश्यक ऊर्जा में ही खत्म हो जाता है और अतिरिक्त ऊर्जा के कमी के कारण कमजोरी लगती है।
34.
इसके आसपास पेशीय एक्सटर्ना है जिसमें अनुदैर्ध्य और चिकनी मांसपेशियां होती हैं जो पुनः सतत क्रमाकुंचन व पची हुई सामग्री को आहार नली से बाहर निकालने में मदद करती हैं.
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अगली परत पेशीय मुकोसा की होती है जोकि कोमल मांसपेशी की परत होती है जो आहार नली के साथ सतत क्रमाकुंचन और कार्यप्रणाली के चरम बिंदु पर मदद करती है.
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वहीं दुबले लोगों के शरीर में गया भोजन क्रमाकुंचन गति के लिए जरूरी ऊर्जा में ही खत्म हो जाता है और अतिरिक्त ऊर्जा के कमी के कारण कमजोरी महसूस होती है।
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उनके आमाशय में अधिक भोजन इकट्ठा हो जाता है, जिसे पचाने के लिए आवश्यक क्रमाकुंचन गति करने में आमाशय को समस्या होने लगती है और अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है।
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टायलिन भोजन की मण्ड को शर्करा में परिवर्तित करता है और म्यूसिन लुग्दी को चिकना बनाता है, जिससे भोजन सुगमतापूर्वक ग्रसिका की क्रमाकुंचन गति के द्वारा आमाशय में पहुँच जाता है।
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उनके आमाशय में ज्यादा भोजन इकट्ठा हो जाता है, जिसे पचाने के लिए जरूरी क्रमाकुंचन गति करने में आमाशय को दिक्कत होने लगती है और अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत महसूस होती है।
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वहीं दुबले लोगों के शरीर में गया भोजन क्रमाकुंचन गति के लिए जरूरी ऊर्जा में ही खत् म हो जाता है और अतिरिक् त ऊर्जा के कमी के कारण कमजोरी महसूस होती है।