ब्लॉग जगत की ख़ूबसूरती या उपलब्धि जो भी कहिये यही है कि यहाँ संवेदना और बुद्धि के विभिन्न स्तरों से साक्षात्कार का सुख मिल जाता है जो समकालिक होने पर भी वस्तुतः मनुष्य के बौद्धिक विकास की एक क्रमिकता का आश्चर्यजनक रूप से सिंहावलोकन करा देता है-मैं प्रत्येक ऐसे अवसर पर रोमाचित और आह्लादित होता हूँ-मैं घुमंतू से मिल जाना ऐसा ही एक अनुभव है-बहरहाल..
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ब्लॉग जगत की सबसे बड़ी ख़ूबसूरती या उपलब्धि जो भी कहिये यही है कि यहाँ संवेदना और बुद्धि के विभिन्न स्तरों से साक्षात्कार का सुख मिल जाता है जो आज के वर्तमान में भी वस्तुतः मनुष्य के बौद्धिक विकास की क्रमिकता / ऐतिहासिकता का आश्चर्यजनक रूप से सिंहावलोकन करा देता है-मैं प्रत्येक ऐसे अवसर पर रोमांचित और आह्लादित होता हूँ...क्या नहीं है यहाँ-साहित्य की ज्ञात और नवोन्मेषित कितनी ही विधाएं यहाँ अपनी ओर ललचाती सी हैं..कहानी है,कविता है,व्यंग है,हास परिहास है,संस्मरण है, आशय कि सचमुच क्या नहीं है यहाँ..